- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
सिंहस्थ 2028 की तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार: एसीएस संजय दुबे ने किया मेगा निरीक्षण, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने दी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट; यूनिटी मॉल, महाकाल मंदिर से क्षिप्रा किनारे तक एसीएस की कड़ी नजर!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियां अब रफ्तार पकड़ चुकी हैं। गुरुवार को नगरीय प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) संजय दुबे ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा और प्रत्येक कार्य समय-सीमा में पूरा होना चाहिए।
देवास रोड से लेकर वीर भारत संग्रहालय तक निरीक्षण
निरीक्षण की शुरुआत देवास रोड से कलेक्टर कार्यालय तक बनी नई फोर लेन सड़क से की गई। एसीएस दुबे ने सड़क की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इसके बाद वे सीधे कोठी महल स्थित नव-निर्मित वीर भारत संग्रहालय पहुंचे। संग्रहालय का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि यह परियोजना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसके निर्माण, प्रस्तुति और संरचना पर विशेष फोकस होना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि म्यूजियम आमजन और विशेषकर बच्चों के लिए आकर्षक और समझने योग्य हो। साथ ही इसे रात 10 बजे तक खुला रखने की व्यवस्था की जाए, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक भी इसे आसानी से देख सकें।
वीर भारत संग्रहालय – इतिहास का जीवंत दस्तावेज़
अधिकारियों की प्रेज़ेंटेशन में बताया गया कि संग्रहालय में भारत के प्राचीन से आधुनिक वीरों और विरांगनाओं की गाथा डिजिटल तकनीक, ग्राफिक्स और इंटरएक्टिव स्क्रीन के माध्यम से प्रदर्शित की जाएगी। यहां वैदिक काल, मौर्य व गुप्त साम्राज्य, मराठा और राजपूत काल के योद्धाओं से लेकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तक की कहानियां जीवंत होंगी। 16 महाजनपदों, मध्यकालीन युद्धों और पौराणिक वीरों की गैलरी भी इस म्यूजियम का हिस्सा होंगी।
यूनिटी मॉल और क्षिप्रा किनारे का विकास
निरीक्षण के दौरान एसीएस दुबे महाकाल रोड स्थित यूनिटी मॉल भी पहुंचे। यहां उन्हें परियोजना की पूरी जानकारी यूडीए सीईओ संदीप सोनी ने प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए दी। दुबे ने निर्देश दिए कि मॉल के पीछे से बहने वाली क्षिप्रा नदी के संरक्षण और सौंदर्यीकरण का भी विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि धार्मिक और पर्यटन महत्व को बढ़ाया जा सके।
ओवरब्रिज और महाकाल परिसर का दौरा
निरीक्षण टीम ने हरिफाटक ओवरब्रिज का भी जायज़ा लिया। इसके बाद एसीएस दुबे सीधे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और भगवान महाकाल के दर्शन किए। इस अवसर पर कलेक्टर व मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रौशन कुमार सिंह और सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह ने उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
महाकाल मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों को देखते हुए एसीएस ने कहा कि सिंहस्थ 2028 तक उज्जैन में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और व्यवस्थित व्यवस्था मिले, इसके लिए हर काम में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इसके बाद वे रामघाट और मेला क्षेत्र का भी निरीक्षण करने पहुंचे।
सिंहस्थ 2028 के लिए कार्ययोजना
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने एसीएस को सिंहस्थ से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इनमें सड़क चौड़ीकरण, घाटों का विकास, धार्मिक पर्यटन सुविधाओं का विस्तार और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने से जुड़े कार्य शामिल हैं।
निरीक्षण के दौरान इंदौर कलेक्टर एवं सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह, जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह, नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा, यूडीए सीईओ संदीप सोनी, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री जेपी पटेल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
स्पष्ट है कि सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में चल रहे कार्य अब तेज़ी पकड़ रहे हैं। वीर भारत संग्रहालय से लेकर यूनिटी मॉल और महाकाल परिसर तक, हर परियोजना को विश्वस्तरीय स्वरूप देने की तैयारी है। एसीएस संजय दुबे का सख्त संदेश भी यही है कि सिंहस्थ 2028 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बने, बल्कि शहर की आधुनिकता और ऐतिहासिक विरासत का संगम भी प्रदर्शित करे।